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- सही मायने में दीवाली की तैयारी
13-10-2017 02:48 PM
13-10-2017 02:48 PM
अब कुछ दिनों बाद हम सबका मनपसंद दीपावली का त्योहार ढेरो खुशिया ले कर आने वाला है! यह तो दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर आनंद उठाने वाला त्योहार है। पर क्या आपने सही मायने में दीवाली की पूरी तैयारी कर ली है?
यहॉ तैयारी का मतलब सिर्फ अच्छे कपड़ों, मिठाइयॉ और पटाखों से ही नहीं है बल्कि सही तैयारी का मतलब है दीवाली में सुरक्षा व सावधानी बरतने की। दिवाली पर आपने खूब पटाखे छोड़ने की प्लानिंग कर रखी होगी लेकिन बेहतर यही होगा कि आप जोश में होश बिल्कुल न खोएं। दीपावली के समय जायदातर दुर्घटना लापरवाही और अज्ञान की वजह से होती है अगर हम ठीक से ध्यान दे और थोड़ी सावधानी ले तो कई दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है ! मै नहीं चाहता कि आप की खुशगवार दीवाली में कोई हनन पड़े इसलिए आज मै आप को यहां कुछ टिप्स दे रहा हूँ, जिनके ज़रिए दीवाली पर आप थोड़ी सी सावधानी बरतकर दुर्घटना और पर्यावरण को नुकसान होने से रोक सकते हैं।
आज कल माकेर्ट में कम कीमत और नकली पटाखों की कोई कमीं नहीं है इसलिए हमेशा अच्छे ब्रैंड वाले पटाखे ही खरीदें।पटाखे हमेशा खुली जगह पर ही छोड़े और ध्यान रखें कि आस पास पेट्रोल, डीजल, केरोसिन या गैस सिलिंडर जैसे ज्वलनशील पदार्थ न रखे हों। और याद रखें कि पानी से भरी एक बाल्टी पास हो।कम उर्म के बच्चों को पटाखे दिलाते वक्त उनकी उम्र का खास ख्याल रखें। उनको ऐसे पटाखे बिल्कुल ना दिलाएं जो उनके उम्र के अनुकूल ना हों। पटाखे छुड़ाते समय बच्चों के साथ रहें और उन्हें पटाखे जलाने का सुरक्षित तरीका बताएं।कई लोग एक साथ दो-तीन पटाखे एक साथ जलाते हैं ऐसी स्थिति में आपका ध्यान बंट सकता है इसलिए हमेशा एक बार में एक ही पटाखा जलाएं।
दीयों को जलाते वक्त और पटाखे छोड़ते समय नायलॉन और सिंथेटिक कपड़ों के बजाय सूती कपड़े पहनें। पटाखे छोड़ते वक्त जूते जरूर पहनें।जल जाने पर क्या करें- अगर कोई व्यक्ति जल जाता है, तो उसके शरीर के जले हुए हिस्से को तुरंत पानी में डुबो देना चाहिए। इससे राहत मिलेगी और दर्द में कमी होगी। उसके बाद उस स्थान पर मलहम लगाएं। हल्का जलने पर गंभीर दर्द को रोकने के लिए पैरासिटामोल या आइबुप्रोफेन का इस्तेमाल करें और अपने डॉ की सलाह लें। अगर जलन ज्यादा गंभीर है और शरीर में फफोले हो, त्वचा काली पड़ जाए या चमड़ी हट जाए तो रोगी को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। जली हुई जगह पर तेल या मक्खन नहीं लगाना चाहिए।
सांस रोगियों को इस दिन विशेष सावधानी रखने की बहुत जरुरत है। दीवाली के दौरान धूएं से प्रदूषण ज्यादा बढ़ जाने पर रोगी के संक्रमण से ग्रस्थ होने की ज्यादा संभावनाएं होती हैं। बेहतर होगा कि वह व्यक्ति धुएं के नजदीक ना जाए।
हम सभी लोग संकल्प ले की हर साल कम से कम दीवाली के बाद एक पेड़ जरूर लगाए!